ब्यूरोः 7 अक्टूबर को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू द्विपक्षीय यात्रा पर भारत आ सकते हैं। सूत्रों ने शुक्रवार को समाचार मीडिया एएनआई को बताया है। बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जून में पहली यात्रा के बाद यह मुइज्जू की दूसरी भारत यात्रा होगी। इससे पहले, 79वें संयुक्त राष्ट्र महासभा के अवसर पर मुइज्जू ने कहा कि वह "जितनी जल्दी हो सके" भारत आने की योजना बना रहे हैं। हमारे बीच बहुत मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं।
Maldives President Mohamed Muizzu likely to visit India next week starting 7 October: Sources (File pic) pic.twitter.com/nX57qSijJD
— ANI (@ANI) October 4, 2024
इससे पहले बुधवार को मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर से मुलाकात की और भारत और मालदीव के बीच घनिष्ठ, पड़ोसी संबंधों पर विचार-विमर्श किया। दोनों ने दोनों देशों के बीच स्थायी साझेदारी को और मजबूत करने के लिए संभावित नए रास्ते भी तलाशे। इसको लेकर एक्स पर एक पोस्ट में खलील ने कहा कि आज मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर से मिलकर बहुत खुशी हुई। चूंकि यह मेरी नई भूमिका में उच्चायुक्त के साथ मेरी पहली मुलाकात थी, इसलिए हमने मालदीव और भारत के बीच घनिष्ठ, पड़ोसी संबंधों पर विचार-विमर्श किया। हमारी चर्चाओं में चल रहे सहयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया गया, साथ ही दोनों देशों के बीच स्थायी साझेदारी को और मजबूत करने के लिए संभावित नए रास्ते तलाशने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
It was a pleasure to meet with High Commissioner of #India to the Maldives, @AmbMunu today. As this was my first meeting with the High Commissioner in my new role, we reflected on the close, neighbourly relations between the 🇲🇻- 🇮🇳. Our discussions also focused on ongoing… pic.twitter.com/WnZfdce2wI
— Abdulla Khaleel (@abkhaleel) October 1, 2024
मालदीव स्थित भारतीय उच्चायोग ने कहा कि इससे पहले 20 सितंबर को भारत ने मालदीव सरकार के अनुरोध पर 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को एक और वर्ष के लिए आगे बढ़ाते हुए मालदीव सरकार को बजटीय सहायता प्रदान की थी।
गौर रहे कि मालदीव के लगभग हर राष्ट्रपति ने परंपरागत रूप से अपनी पहली विदेश यात्रा भारत में की है। हालांकि, मोहम्मद मुइज्जू ने इस साल की शुरुआत में पदभार संभालने के बाद तुर्की और फिर चीन का दौरा करके इस चलन को तोड़ दिया। मालदीव और भारत के बीच तनावपूर्ण संबंधों की अवधि के बाद मुइज्जू सरकार ने एक समझौतावादी दृष्टिकोण अपनाया है, जिसके परिणामस्वरूप एक कूटनीतिक संघर्ष हुआ। पदभार संभालने के बाद से मुइज्जू ने भारत-मालदीव संबंधों के संबंध में कई अपरंपरागत नीतियों को लागू किया है। उनके राष्ट्रपति अभियान में 'इंडिया आउट' का नारा प्रमुखता से शामिल था, जिसमें मालदीव से भारतीय सैनिकों को हटाने पर मुख्य ध्यान दिया गया था।