Sunday 6th of October 2024

'मां की जान बचाने के लिए PM मोदी का आभार', शेख हसीना के बेटे की बड़ी बातें

Reported by: PTC News Haryana Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  August 10th 2024 05:08 PM  |  Updated: August 10th 2024 05:08 PM

'मां की जान बचाने के लिए PM मोदी का आभार', शेख हसीना के बेटे की बड़ी बातें

ब्यूरोः बांग्लादेश में हफ्तों से जारी हिंसा के बाद सोमवार, 5 अगस्त को शेख हसीना को पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। बेकाबू भीड़ उनके आवास तक पहुंचे इससे पहले शेख हसीना ने देश छोड़ कर जाने का फैसला लिया था। अब शेख हसीना के बेटे साजिद वाजेद जॉय ने बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की तरफ से तेज मदद पर उनका आभार व्यक्त किया है। शेख हसीना के बेटे ने उनके वीजा रद्द किए जाने की मीडिया रिपोर्टों को भी खारिज करते हुए कहा कि किसी ने भी अवामी लीग नेता का वीजा रद्द नहीं किया है और न ही उन्होंने कहीं राजनीतिक शरण (political asylum) के लिए आवेदन किया है।

मीडिया एजेंसी के साथ एक विशेष इंटरव्यू में हसीना के बेटे वाजेद ने कहा, "किसी ने भी उनका वीजा रद्द नहीं किया है। साथ ही उन्होंने कहीं भी राजनीतिक शरण के लिए कोई आवेदन नहीं किया है। ये सब अफवाहें हैं।" वाजेद ने भारत सरकार को संदेश देते हुए कहा कि मेरी मां की जान बचाने में भारत सरकार की त्वरित कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति मैं आभारी हूं और हमेशा आभारी रहूंगा।

साजिद वाजेद के इंटरव्यू की मुख्य बातें

  • उन्होंने शेख हसीना की जान बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
  • वाजेद ने कहा कि भारत को दुनिया में नेतृत्व की भूमिका निभाने की जरूरत है।
  • साजिद ने शेख हसीना के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई और कहा कि हसीना के शासन के दौरान, बांग्लादेश आर्थिक रूप से विकसित हुआ और शांतिपूर्ण रहा।
  • शेख हसीना की सरकार ने बांग्लादेश में शांति बनाए रखी, आर्थिक विकास को बनाए रखा, उग्रवाद को रोका और उपमहाद्वीप के पूर्वी हिस्से को स्थिर रखा। 
  • साजिद ने नई सरकार को असंवैधानिक करार दिया क्योंकि बांग्लादेशी संविधान में कहा गया है कि एक गैर-निर्वाचित सरकार सत्ता में नहीं रह सकती।
  • बांग्लादेश की नई सरकार के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक असंवैधानिक सरकार है। इसलिए बांग्लादेश में कोई लोकतंत्र नहीं है। वे लोकतंत्र की बात कर रहे हैं, लेकिन वहां कोई लोकतंत्र नहीं है। अगर वे लोकतंत्र चाहते हैं, तो उन्हें चुनाव कराने होंगे।
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