Sunday 24th of November 2024

UP: दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए योगी सरकार 10 हजार पशु सखियों को करेगी प्रशिक्षित

Reported by: PTC News Haryana Desk  |  Edited by: Rahul Rana  |  July 12th 2024 04:17 PM  |  Updated: July 12th 2024 04:17 PM

UP: दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए योगी सरकार 10 हजार पशु सखियों को करेगी प्रशिक्षित

ब्यूरो: योगी सरकार के प्रयासों से जहां प्रदेश में एक ओर दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्राें में रहने वाले किसानों एवं पशुपालकों के आय में वृद्धि दर्ज की गयी है। इसी के तहत अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पशुधन और ग्रामीण आबादी के विकास व उनकी स्थाई आय बढ़ाने के लिए ए-हेल्प कार्यक्रम का संचालन करने जा रहे हैं, जिसे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और पशुपालन विभाग के संयुक्त प्रयास से संचालित किया जाएगा। इस कार्यक्रम को पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत अगस्त माह के पहले हफ्ते में लांच किया जाएगा। शुरुआत में इसे 25 जिलों के 50 विकास खंडों में लागू किया जाएगा, जिसके बाद योगी सरकार इसे पूरे प्रदेश में लागू करेगी। इसके अंतर्गत अगले दो साल में 10 हजार पशु सखियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। 

ए-हेल्प कार्यक्रम के जरिये दो हजार पशु सखियों को किया जाएगा प्रशिक्षित

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन डायरेक्टर दीपा रंजन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप ग्रामीणों की आय बढ़ाने एवं उच्च गुणवत्ता के दुधारु पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। इसी के तहत पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 25 जिलों के 50 विकास खंडों में ए-हेल्प कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। इसका उद्​देश्य सरकारी पशु चिकित्सालयों के साथ समन्वय बनाना है ताकि आवश्यक पशु चिकित्सा सेवाओं जैसे एथनो-वेट प्रथाओं, पशु रोगों की रोकथाम, समय पर टीकाकरण, कृमिनाशक दवाएं, कृत्रिम गर्भाधान, पशु बीमा आदि को गांव स्तर पर ही उपलब्ध कराया जा सके। वहीं योगी सरकार का लक्ष्य है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2,000 पशु सखियों को ए-हेल्प एजेंट के रूप में प्रशिक्षित करना है। अगले दो वर्षों में यह संख्या बढ़कर 10,000 एजेंटों तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे कार्यक्रम की पहुंच और प्रभाव में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।

पशु सखियों की आय में बढ़ोतरी का सारथी बनेगा ए हेल्प कार्यक्रम 

मिशन डायरेक्टर ने बताया कि ए-हेल्प कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पशु सखियों की आय को बढ़ावा देना है, जिससे उनकी वार्षिक आय 60,000 रुपये तक बढ़ सकती है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत कवर किए गए जिलों और विकास खंडों में मिशन स्टाफ का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। इसके अलावा, पशु सखियों को आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करने के लिए प्रशिक्षण योजनाएं विकसित की गई हैं ताकि वे अपनी भूमिकाओं को प्रभावी ढंग से निभा सकें। प्रशिक्षण सत्रों की सफल समाप्ति के साथ ए हेल्प कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए मंच तैयार है। यह एकीकृत दृष्टिकोण न केवल पशुधन उत्पादकता और स्वास्थ्य में सुधार करेगा, बल्कि ग्रामीण समुदायों को पशुपालन से अधिकतम आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और संसाधनों से भी सशक्त बनाएगा।

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