ब्यूरो: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के दरमियान वार पलटवार के सिलसिले तेज हो गए हैं। सार्वजनिक सभाओं और सोशल मीडिया के मंचों से वार-पलटवार हो रहे हैं। हालांकि ये पहली बार नहीं जब दो पक्ष-विपक्ष के दो सियासी दिग्गजों के दरमियान बयानों की जबरदस्त रस्साकशी नजर आ रही हो। पर विधानसभा की दस सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए बन रहे चुनावी माहौल में ये जुबानी जंग नित नई तेजी पकड़ती जा रही है, इसके आने वाले दिनों और भी जोर पकड़ने के आसार हैं।
मठाधीश-माफिया और संस्कार को लेकर जुबानी अदावत गहराई
पिछले हफ्ते 12 सितंबर को लखनऊ में प्रेस वार्ता करते हुए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बयान दिया कि मठाधीश और माफिया में ज्यादा फर्क नहीं होता है। इसके तुरंत बाद सीएम योगी ने संस्कारों का जिक्र करते हुए तीखा हमला किया। गाजियाबाद में सीएम ने कहा कि "माफियाओं के सामने नाक रगड़ने वाला व्यक्ति, दंगाइयों के सामने घुटने टेकने वाला व्यक्ति आज भारत की संत परंपरा को माफिया कहता है, ये उनके संस्कार है. सीएम योगी ने कहा कि अखिलेश यादव में औरंगजेब की आत्मा घुस गई है जो फिर से इनको हिन्दू विरोधी आचरण के लिए उन्हें फिर से प्रोत्साहित कर रही है.”
मिल्कीपुर सीट के उपचुनाव में अयोध्या के जमीन घोटाले के जिक्र ने तूल पकड़ा
बीते दिनों अखिलेश यादव ने अयोध्या में जमीन की खरीद फरोख्त में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया था, बीजेपी के नेताओं और अफसरों पर तोहमत मढ़ी थी। इसे लेकर सीएम योगी ने पलटवार किया। कहा कि अयोध्या में जमीन का कोई घोटाला नहीं हुआ। मिल्कीपुर की एक जनसभा में सीएम योगी ने बबुआ का जिक्र करके सपा पर परोक्ष हमला किया। कहा अयोध्या के विकास से समाजवादी पार्टी परेशान है। सीएम ने कहा कि त्रेतायुग में भी यही हुआ था। रामद्रोही कभी भी अयोध्या का विकास नहीं होने देना चाहते। सीएम ने तल्ख लहजे में आरोप मढ़ा कि जितने अपराध में लिप्त में माफिया हैं, सब इनके चाचाजान थे। माफिया के सामने नाक रागड़ने वाला आज संत-महात्माओं को माफिया कहता है। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने 2017 में सरकार बनने के बाद एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स बनाई। सपा के माफिया और गुंडों ने जो जमीन कब्जा की थी। 64,000 हेक्टेयर जमीन को इनके कब्जे से मुक्त कराया। जब गुर्गों से जमीन को मुक्त कराएंगे, तो सरगना को तो परेशानी तो होगी ही होगी।
जुबानी जंग में पाकिस्तान का भी हुआ जिक्र
सपा द्वारा अयोध्या में हुए जमीन के कथित घोटाले को लेकर सीएम योगी आक्रामक तेवरों में नजर आए। उन्होंने सार्वजनिक सभा के जरिए जवाब देते हुए कहा कि दीपोत्सव पर जब अयोध्या में दीप जलते है तो परेशानी सपा मुखिया और पाकिस्तान दोनों को होती है। इनको विवादित ढांचा प्यारा था, जिसे राम भक्तों ने नेस्तनाबूद कर दिया। अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता के लिए जाने जाने वाली सपा को भी परेशानी होने लगती है। ये डकैती डालते हैं, तो अंधेरा इनको चाहिए। सीएम ने तल्ख लहजे में कहा कि इनके हाथ राम भक्तों के खून से रंगे हैं, सपा का सारा कच्चा-चिट्ठा सामने आएगा तो मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगी।
सपा द्वारा एनकाउंटर पर सवाल उठाए जाने से बिफरे सीएम योगी
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में बीजेपी चुनाव हार गई है इसलिए मुख्यमंत्री गुस्से में घूम रहे हैं। उन्होंने प्रदेश का एनकाउंटर की राजधानी बना दिया है। अखिलेश यादव ने ये भी जोड़ा कि नकारात्मक दिल और दिमाग वाले लोग विनाश ही कर सकते हैं विकास नहीं. जो हार्ट लेस है उनसे कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है। इस बयान पर सीएम योगी ने अखिलेश यादव को घेरते हुए कहा कि अगर सपा का सही चेहरा देखना हो तो उनका चेहरा वहीं है जो भदरसा में समाजवादी पार्टी के नेता मोइद खान ने किया है। कन्नौज में इनका एक नवाब सिंह यादव है उसने भी एक बेटी से ऐसा ही कृत्य किया है। सीएम योगी ने 2017 से पहले सपा सरकार का ज़िक्र करते हुए कहा कि दस साल पहले सपा की सरकार में यूपी में अराजकता का माहौल होता था। महिलाएं असुरक्षित थी और गुंडा टैक्स लेने वालों के सामने सरकार के लोग नतमस्तक रहते थे।
भेड़ियों के आंतक का जिक्र करके सपा मुखिया ने एसटीएफ और एनकाउंटर पर सवाल उठाए
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बहराइच में भेड़ियों के हमलों से पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात की। एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि सरकार जानवरों से जनता की रक्षा नहीं कर पा रही है। घायलों और मृतकों के परिवार के साथ हम खड़े हैं, जबसे बीजेपी की सरकार बनी है जानवरों का आतंक हर जगह देखने को मिल रहा है। जानवरों के एनकाउंटर की जगह जंगल की कटाई पर रोक लगाने की जरूरत है, जानवर की समस्या के समाधान के लिए बुलडोजर सोच से बाहर निकलना होगा। एसटीएफ को 'सरेआम ठोको फोर्स' करार देते हुए अखिलेश यादव ने तंज कसा कि सरकार ठोको नीति के तहत समाधान निकाले। जानवरों की समस्या के लिए केस एसटीएफ को सौंप दे। ये सवाल भी उठाया कि एसटीएफ में सबसे ज्यादा जौनपुर के लोगों की पोस्टिंग हो रही है। ऐसा क्यों हो रहा है?
यूपी सरकार को टॉप 10 माफियाओं की सूची जारी करनी चाहिए। वो कहां हैं, किस दल में हैं, इसकी सबको जानकारी हो जाएगी। सपा सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि पहले ऐसे सीएम हैं, जिन्होंने अपने मुकदमे हटवाए हैं। इस तरह का बयान देकर मुख्यमंत्री मुख्य मुद्दों से बच रहे हैं।
जुबानी जंग में गुंडे-सरगना-माफिया और तस्वीर के पहलू भी जुड़े
सीएम योगी ने बयान दिया कि पहले प्रदेश के विकास में बैरियर था, 2017 से पहले गरीबों का भोजन सपा के गुंडे ले जाते थे। प्रदेश में जितने भी माफिया हैं, वह सपा से जुड़े हुए थे। सपा की सरकार के कार्यकाल में माफिया की सरकार चलती थी। सीएम ने कहा कि समाजवादी सरकार के दौरान गरीब का भोजन लूटते था, जमीन कब्जा करते थे, जब उन पर कार्रवाई होगी तो सरगना तो परेशान होगा ही। इस पर जवाबी प्रहार करते हुए सपा मुखिया ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है जिसे क्रोध आता हो वह योगी कैसे हो सकता है। अखिलेश यादव ने जोड़ा कि हमारे सीएम मठाधीश मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री के समाजवादी पार्टी को माफिया बताने पर उन्होंने कहा कि हमारी और उनकी तस्वीर देख लो, कौन माफिया दीखता हैं।
प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड को लेकर विधानसभा में माहौल गरमाया था
बीते साल प्रयागराज में बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके गनर की दिनदहाड़े हत्या के बाद सियासी माहौल सरगर्म हो गया था। सपा नेता अखिलेश यादव ने इस हमले को सुरक्षा व इंटेलिजेंस का फेल्योर करार देते हुए विधानसभा में कहा था कि जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करने वाले सीएम योगी बताएं कि ये क्या हो रहा है क्या ये किसी फिल्म की शूटिंग हो रही हैं कि बम चल रहे हैं गोलियां चल रही है। इस पर सीएम योगी ने भड़कते हुए सपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि ये पेशेवर, माफियाओं और अपराधियों के सरपरस्त हैं। इनके रग-रग में अपराध भरा हुआ है। पूरा प्रदेश इस बात को जानता है। सीएम ने कहा था कि सपा के सहयोग से अतीक अहमद सांसद बना, हमने माफिया की कमर तोड़ने का काम किया है। सीएम ने हुंकार भरते हुए कहा था कि माफियाओं को मिट्टी में मिला दूंगा।
चुनावी दस्तक तेज होते होते जुबानी तल्खी में होता जाएगा इजाफा
फिलहाल प्रेस वार्ताओं, जनसभाओं और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सीएम योगी और सूबे में विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे अखिलेश यादव के दरमियान हर रोज आरोप प्रत्यारोप के दौर जारी हैं। एक दूसरे पर तंज कसे जा रहे हैं, एक दूसरे को घेरा जा रहा है। नीति और नीयत पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पुराने मुद्दे उछालकर आरोप मढ़े जा रहे हैं। एक पक्ष आरोप उछलता है तो तुरंत ही दूसरे पक्ष की तरफ से जवाबी पलटवार किया जाता है। सियासी विश्लेषक मानते हैं कि चूंकि दस विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में सीधा मुकाबला बीजेपी और सपा में होने वाला है लिहाजा वोटरों के बीच अपने हक में संदेश देने के लिए इन दोनों ही दलों के दिग्गजों के बीच जुबानी तल्खी और भी गहराना तय है।