ब्यूरो: देश इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है। गर्मी का आलम यह है कि दिन की तो बात ही छोड़िए, रात में भी गर्म हवाओं ने जीना मुहाल कर रखा है। देश के अलग-अलग इलाकों में लोग लू की मार झेल रहे हैं। इसी बीच दिल्ली से सटे नोएडा में अलग-अलग जगहों से 14 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। इन सभी मौतों की वजह लू और हीट स्ट्रोक बताई जा रही है। हालांकि, सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही असली वजह का पता चल पाएगा।
एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोगों के अस्पताल पहुंचने से स्वास्थ्य विभाग में डर का माहौल है। देश में तेजी से बढ़ रही गर्मी के कारण लगभग हर दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी, लेकिन भीषण गर्मी के कारण इतनी बड़ी संख्या में मौतों से लोगों में डर का माहौल है। ये सभी शव थाना सेक्टर 142, एक्सप्रेसवे थाना, थाना सेक्टर 24, थाना सेक्टर 58, कोतवाली 39, फेज 2 थाना, कोतवाली सेक्टर 126, फेज 1 थाना से बरामद किए गए।
24 घंटे में 14 शव
जानकारी के मुताबिक, 24 घंटे में करीब 14 शव जिला अस्पताल पहुंचे हैं। कुछ मृतकों को पुलिस तो कुछ को उनके परिजन मौत के बाद अस्पताल लेकर पहुंचे। इन मृतकों के शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन सभी लोगों की मौत हीट स्ट्रोक और लू लगने से हुई होगी। फिलहाल शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।
क्या होती है हीटवेव?
देश के कोने-कोने से हीटवेव के कारण लोगों की जान जाने की खबरें आ रही हैं। वहीं, मौसम विभाग की ओर से भी कोई खास अच्छी खबर नहीं आ रही है। मानसून का नामोनिशान नहीं है और लोग भीषण गर्मी से बेहाल हैं। घर और दफ्तर में कूलर या एसी काम नहीं कर रहे हैं। गर्मी के कारण हीट स्ट्रोक और लू लगने के मामले भी बढ़ रहे हैं। हीट स्ट्रोक की बात करें तो हीट स्ट्रोक को आम तौर पर 'सनस्ट्रोक' कहा जाता है। ऐसा तब होता है जब आपका शरीर अपने तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता। हीट स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है और शरीर खुद को ठंडा नहीं कर पाता। डॉक्टरों के अनुसार हीट स्ट्रोक के मामले में शरीर का तापमान 10 से 15 मिनट के अंदर 106 डिग्री फारेनहाइट या उससे भी ज्यादा हो सकता है।