ब्यूरो: उत्तर प्रदेश में एक तरह का रिकॉर्ड बना, जहां सोमवार को झांसी लोकसभा सीट के तीन गांवों में 100 फीसदी मतदान हुआ। जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने इतिहास रच दिया जब ब्लॉक मड़ावरा के तीन गांव सौल्दा, बुदनी नाराहट और ब्लॉक बिरधा के गांव बम्हौरी नांगल में 100 प्रतिशत मतदान हुआ। इन गांवों से एक-एक मतदाता को वोट डालने के लिए सरकारी खर्चे पर बेंगलुरु और दिल्ली से बुलाया गया था।
जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से शत-प्रतिशत मतदान कराने के लिए काफी दिनों से प्रयास किये जा रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक सौल्दा गांव में 357 मतदाता थे. इनमें से एक वोटर शेर सिंह बेंगलुरु में काम करता है। सभी मतदाता गांव में मौजूद थे और शत प्रतिशत मतदान करने का संकल्प लिया था, लेकिन शेर सिंह के गांव में नहीं आने से उनका संकल्प टूटता नजर आया।
जिलाधिकारी ने इसे चुनौती के रूप में लिया और ब्लॉक स्तरीय मतदान कर्मियों, बीएलओ आदि की टीम ने आपस में 18 हजार रुपये एकत्र कर शेर सिंह को बेंगलुरु से फ्लाइट से भोपाल बुलाया. वहां से सरकारी गाड़ी भेजकर उसे गांव लाया गया। सोमवार दोपहर एक बजे तक सभी 357 वोट पड़ चुके थे।
ब्लॉक बिरधा के ग्राम बम्हौरी नांगल में कुल 441 वोट थे। इनमें से जयदीप गृह मंत्रालय दिल्ली में अपर निजी सचिव के पद पर कार्यरत थे। दिल्ली में भी चुनाव प्रक्रिया चल रही है। इसी वजह से जयदीप की 20 मई को होने वाले चुनाव को लेकर अहम ट्रेनिंग थी। ऐसे में उनका वोट डालने के लिए गांव आना नामुमकिन लग रहा था।
इसकी जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी अक्षय ने गृह मंत्रालय के वरीय अधिकारियों से बात कर जयदीप की ट्रेनिंग किसी अन्य तिथि पर कराने का अनुरोध किया और शत-प्रतिशत मतदान कराने की मंशा भी जतायी। इस पर गृह मंत्रालय के अधिकारी सहमत हो गए और जयदीप को वोट डालने के लिए गांव जाने की इजाजत दे दी. जयदीप ने सोमवार को गांव आकर वोट डाला।
नतीजा यह हुआ कि इस गांव में सभी 441 वोट पड़े। इसी प्रकार ब्लॉक मड़ावरा के ग्राम बुदनी नाराहट के सभी 215 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर रिकार्ड बनाया। जिले में बेरोजगारी के कारण हजारों ग्रामीण फसल कटाई के बाद आजीविका की तलाश में बड़े शहरों की ओर पलायन कर गए हैं। यदि ये ग्रामीण लौट आते तो अन्य गांवों में भी शत-प्रतिशत मतदान हो सकता था।