ब्यूरो: Gyanendra Shukla, Editor, UP: लोकसभा में पूर्ण बहुमत के आंकड़े से 32 सीटें पीछे रह जाने वाली बीजेपी को जिस यूपी से साठ से अधिक सीटें पाने की आस थी वहां पार्टी महज 33 सीटों पर ही सिमट गई। ये परिणाम बीजेपी खेमे के लिए किसी से सदमे से कम नहीं हैं। इससे उबरने के लिए अब पार्टी रणनीतिकार दोधारी रणनीति पर अमल कर रहे हैं। एक तरफ जहां हार के कारणों को लेकर गहन समीक्षा जारी है वहीं, दूसरी ओर बीजेपी अपने कार्यक्रमों और आयोजनों को रफ्तार दे रही है जिससे कार्यकर्ता फिर से सक्रिय हो सकें और उनके मनोबल में इजाफा हो सके।
चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद ही हरकत में आ गया बीजेपी संगठन
4 जून की शाम जब हर कोई लोकसभा चुनाव के परिणामों को देख सुन रहा था तभी से बीजेपी में उच्चस्तर पर गंभीर चिंतन के दौर शुरु हो चुके थे। पार्टी ने बदले माहौल और हार की समीक्षा की दिशा में कदम बढ़ा दिए थे। यूपी में पार्टी के बुरी तरह पिछड़ने की वजह जानने की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है। जो विधानसभावार दौरा करके जरूरी इनपुट जुटा रहे हैं। बाकी नेताओं के साथ ही खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी भी फीडबैक जुटा रहे हैं। उनके जिम्मे फैजाबाद-अयोध्या के साथ ही अमेठी की हार की समीक्षा भी है। ये सभी नेता 25 जून तक अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
रिपोर्ट के जरिए हार के पीछे की वजह को खंगाला जा रहा है
दरअसल, बीजेपी रणनीतिकार जानकारी जुटा रहे हैं कि उसके प्रत्याशी जनता से किस तरह से कनेक्ट थे, चुनाव अभियान पर संविधान और आरक्षण के मुद्दों का क्या प्रभाव पड़ा, जाति का फैक्टर क्यों हावी हुआ। चुनावी रणनीति के फ्लॉप होने के पीछे कौन से कारक थे। केंद्र और राज्य के किन फैसलों ने जीत का फासला घटाया। रिपोर्ट के जरिए आलाकमान ये भी समझेगा कि जमीन पर संगठन पदाधिकारी उसके कार्यकर्ता कितने सक्रिय थे। ग्राउंड स्तर पर जुटाए गए फीडबैक का आकलन उच्च स्तर पर किया जाएगा।
अपने गढ़ गोरखपुर के इर्द गिर्द बीजेपी के पिछड़ने की वजह जानने में जुटे सीएम
बीते दिनों गोरखपुर दौरे पर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में पहुंचे बीजेपी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी पदाधिकारी वोटिंग लिस्ट के आधार पर बूथ वार पड़े वोटों की समीक्षा करें और बूथ की स्थिति का आकलन कर आगे की तैयारी में जुट जाएं। सीएम योगी ने ये भी कहा कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को कम वोट मिले उनकी वजह तलाशने में पदाधिकारी अभी से जुट जाएं।
पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने की रणनीति पर अमल
चुनावी मिशन में पिछड़ने की वजह से निराश कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए पार्टी मिशन मोड में आ चुकी है। बीजेपी द्वारा अब 21 जून से 6 जुलाई तक पखवाड़ा दिवस आयोजित किया जा रहा है। योग दिवस के साथ ही 'मतदाता अभिनंदन यात्रा' के अलावा बीजेपी 'एक पेड़ मां के नाम' राष्ट्रव्यापी कैंपेन भी चलाने जा रही है। 25 जून को ‘आपातकाल का काला दिवस’ मनाया जाएगा। जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को याद कराके कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए 23 जून से 6 जुलाई तक व्यापक अभियान चलाएगी बीजेपी। आम चुनाव के चलते स्थगित रहे पीएम नरेंद्र मोदी के खास कार्यक्रम ‘मन की बात’ को 30 जून से फिर से शुरू किया जा रहा है।
गिरने-पिछड़ने के बावजूद फिर से उठ खड़े होने का संदेश दे रही बीजेपी
इस आम चुनाव में पूरे देश में बीजेपी को 36.56 फीसदी वोट हासिल हुए थे। जो साल 2019 के 37.30 के मुकाबले महज 0.74 फीसदी ही कम थे। पर उसे 63 सीटों का खामियाजा उठाना पड़ा। बीजेपी के लिए सीटों के इस घाटे में सर्वाधिक योगदान यूपी का रहा। यहां पिछली बार जीती गई 62 सीटों का आंकड़ा घटकर 33 पर जा टिका जबकि वोटशेयर 49.98 फीसदी से घटकर 41.37 फीसदी जा पहुंचा। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि चुनावी नतीजे बीजेपी थिंक टैंक के लिए करारा झटका जरूर हैं पर आम चुनाव के तुरंत बाद आगामी कार्यक्रमों की लयबद्ध श्रृंखला का ब्लूप्रिंट तैयार करके बीजेपी की तरफ से संदेश भी दिया जा रहा है कि उसके कार्यकर्ता-संगठन रुकने-विराम लेने के बजाए आगामी चुनावी चुनौतियों से निपटने के लिए अभी से जुट जाने के लिए कमर कस चुके हैं।