Thursday 4th of July 2024

CM योगी के चहेते अफसर मनोज कुमार सिंह के हाथों में अब यूपी की नौकरशाही की बागडोर

Reported by: PTC News Haryana Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  June 30th 2024 02:26 PM  |  Updated: July 01st 2024 09:56 AM

CM योगी के चहेते अफसर मनोज कुमार सिंह के हाथों में अब यूपी की नौकरशाही की बागडोर

ब्यूरो, Gyanendra Shukla, Editor: UP: यूपी की नौकरशाही के शीर्ष पर विराजने वाले चेहरे को लेकर बीते कुछ दिनों से कयास लग रहे थे। मौजूदा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के विस्तारित कार्यकाल का 30 जून आखिरी दिन था। ऐसे में चर्चा हो रही थी कि क्या मिश्रा को चौथा सेवा विस्तार मिल सकेगा। इन तमाम सवालों और अटकलों पर तब विराम लग गया जब शनिवार की देर शाम केंद्र से हरी झंडी नहीं मिल सकी। इसके बाद योगी सरकार ने मनोज कुमार सिंह को अगला मुख्य सचिव बनाए जाने के बाबत आदेश जारी कर दिए। मनोज कुमार सिंह सूबे की प्रशासनिक मशीनरी के नेतृत्व, नियंत्रण और मार्गदर्शन का जिम्मा संभालेंगे। 

सीएम योगी के सबसे  विश्वस्त अफसरों में शुमार रहे हैं मनोज कुमार सिंह

मूल तौर से रांची, झारखंड निवासी मनोज कुमार सिंह साल 1988 बैच के आईएएस अफसर हैं। ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद चहेते अफसर माने जाते हैं। इन्हें यूपी की नौकरशाही में प्राईम माने जाने वाले आधा दर्जन से अधिक विभागों का जिम्मा मिला हुआ है। कृषि उत्पादन आयुक्त और औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) सरीखी बेहद अहम जिम्मेदारी के साथ ही मनोज कुमार सिंह के पास पंचायती राज, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण एवं समन्वय के अपर मुख्य सचिव का जिम्मा है। परियोजना समन्वयक डास्प का दायित्व भी संभाल रहे हैं। यूपी स्टेट हाईवे अथॉरिटी (उपशा) और यूपी एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के सीईओ हैं। इसके साथ ही प्रदेशीय औद्योगिक एवं निवेश निगम (पिकप) के चेयरमैन की महती जिम्मेदारी भी इन्हीं के पास है। पिकप विभिन्न विभागों की नीतियों के अनुसार निवेशकों को वित्तीय लाभ दिलाने की कार्यवाही संचालित करता है।  

अमित शाह से मुलाकात के बाद दुर्गा शंकर मिश्रा के सेवा विस्तार की अटकलें थीं तेज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त अफसरों में शुमार रहे निर्वतमान मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा रिटायर होने के बाद यूपी के मुख्य सचिव बनाए गए थे। तीन सेवा विस्तार भी उन्हें हासिल हुए थे। बीते दिनों यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की तस्वीर सामने आने के बाद यूपी की अफसरशाही के गलियारे में इनके चौथे सेवाविस्तार की अटकलें लगने लगी थीं। पर रविवार को इन चर्चाओं पर विराम लग गया।  

नौकरशाही जगत में ये रिकॉर्ड हैं दुर्गाशंकर मिश्रा के नाम

रिटायर होने के बाद एक साल के लिए मुख्‍य सचिव नियुक्त होने वाले देश के पहले आईएएस अधिकारी बने दुर्गाशंकर मिश्रा। आमतौर पर सेवा समाप्ति के बाद आईएएस अधिकारियों को केवल छह महीने के लिए ही सेवा विस्तार दिया गया है।  31 दिसंबर, 2021 को दुर्गा शंकर मिश्र ने यूपी के मुख्य सचिव के रूप में पदभार ग्रहण किया। उन्हें 31 दिसंबर, 2022 को एक साल का विस्तार दिया गया था। केंद्र की मंजूरी के बाद, यूपी सरकार ने 31 दिसंबर, 2023 को मिश्र को राज्य के मुख्य सचिव के रूप में छह महीने का विस्तार देने के आदेश जारी किए थे। . इस पद पर वे 31 दिसंबर, 2021 से काम कर रहे थे। इनका कार्यकाल 30 जून, 2024 तक की ही था। जिसके बाद सेवा विस्तार नहीं मिल सका।

 ये आईएएस अफसर भी थे मुख्य सचिव की कुर्सी पाने वालों की कतार में

भले ही मनोज कुमार सिंह को मुख्य सचिव का जिम्मा मिल गया हो पर वरिष्ठता के लिहाज से कुछ और अफसर भी इस कतार में थे। 1987 बैच के आईएएस अरुण सिंघल भी मुख्य सचिव के पद पर तैनाती की पूरी योग्यता रखते थे। इस वक्त केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के तहत भारत सरकार में सचिव पद पर तैनात हैं। इनका कार्यकाल अप्रैल, 2025 तक का है। इन्हीं की बैच की अफसर लीना जौहरी का कार्यकाल दिसंबर, 2024 तक का है। पर इन्हें मौका न मिल सका।

इन अफसरों की मुख्य सचिव की कुर्सी पाने की आस रही अधूरी

यूपी राजस्व परिषद के चेयरमैन रहे 1987 बैच के आईएएस अफसर हेमंत राव का नाम एक वक्त मुख्य सचिव के पद की रेस में शामिल था पर ये फरवरी में नौकरी से रिटायर हो चुके हैं। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा के पद पर तैनात रहे 1987 बैच के आईएएस महेश कुमार गुप्ता भी मई में रिटायर हो गए। 1988 बैच की आईएएस अफसर और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सचिव, डीओपीटी पर तैनात राधा एस. चौहान का कार्यकाल का आखिरी दिन तीस जून ही था। 1988 बैच के ही रजनीश दुबे अगस्त में रिटायर होंगे ये भी मुख्य सचिव का पद पाने से अब पिछड़ चुके हैं।

बहरहाल, सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट माने जानी वाली कई योजनाओं को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले यूपी के नए मुख्य सचिव बन चुके हैं। इनका आईएएस सेवा का कार्यकाल जुलाई, 2025 तक है। इनके बाद इस शीर्ष पद के संभावित चेहरों के तौर पर 1989 बैच के दो अफसर एसपी गोयल और देवेश चतुर्वेदी शामिल  रहेंगे।

बीते ढाई दशकों में यूपी में मुख्य सचिव की कुर्सी पर तैनात अफसरों की फेहरिस्त पर गौर करते हैं। साल 1985 बैच के आईएएस आर.के. तिवारी को 30 अगस्त, 2019 को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। इन्होंने 28 महीनों का कार्यकाल पूरा किया। इनसे पहले योगी सरकार में अनूप चंद्र पांडेय 14 महीने के लिए और राजीव कुमार 12 महीने के लिए मुख्य सचिव रहे।

अखिलेश यादव के शासनकाल में राहुल भटनागर नौ महीनों के लिए, आलोक रंजन तेरह महीने और जावेद उस्मानी 26 महीनों तक मुख्य सचिव के पद पर रहे। बतौर मुख्य सचिव सबसे लंबी पारी रही थी 1974 बैच के आईएएस अतुल कुमार गुप्ता की। जिन्होंने मायावती के शासनकाल में 29 मई, 2008 और 31 मार्च, 2011 के बीच यूपी के मुख्य सचिव के तौर पर 34 महीनों तक सेवाएं दीं थीं। उनके उत्तराधिकारी अनूप कुमार मिश्रा लगभग 12 महीने ही इस पद पर रहे। वर्ष 2000 और 2008 के बीच मुख्य सचिव नियुक्त किए गए वीके मित्तल, वीके दीवान, बीएन तिवारी, पीके मिश्र, नीरा यादव और अखंड प्रताप सिंह सहित कई आईएएस अफसरों का कार्यकाल कम अवधि का रहा।

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