Saturday 23rd of November 2024

तिरुपति लड्डू विवाद के बीच राजस्थान सरकार का बड़ा एक्शन, मंदिरों के प्रसाद की होगी जांच

Reported by: PTC News Haryana Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  September 21st 2024 03:44 PM  |  Updated: September 21st 2024 03:44 PM

तिरुपति लड्डू विवाद के बीच राजस्थान सरकार का बड़ा एक्शन, मंदिरों के प्रसाद की होगी जांच

ब्यूरोः तिरुपति मंदिर के लड्डू में पशु चर्बी और मछली के तेल मिलने को लेकर चल रहे विवाद के बीच राजस्थान सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। दरअसल, राज्य के खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से मंदिरों में भोग और प्रसाद की गुणवत्ता की जांच के लिए 23 से 26 सितंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत मंदिरों में नियमित रूप से दिए जाने वाले सवामणी और प्रसाद के नमूनों की जांच की जाएगी। 

राज्य के 54 मंदिरों ने भोग प्रमाण पत्र के लिए किया आवेदन 

खाद्य सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने बताया कि मुख्यमंत्री की पहल पर राजस्थान में 'शुद्ध आहार, मिलावट पर वार' अभियान के तहत यह जांच की जाएगी। इसमें सभी बड़े मंदिरों में जहां प्रतिदिन भोग के रूप में प्रसाद बनता है, वहां विभिन्न खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। अब तक राज्य के 54 मंदिरों ने भोग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। प्रसाद की गुणवत्ता के साथ ही स्वच्छता की भी जांच की जाएगी। इसके लिए राजस्थान के संबंधित विभागों को सूचित कर दिया गया है। यह अभियान विशेष टीम द्वारा चलाया जाएगा। राजस्थान में 14 मंदिरों के पास पहले से ही एफएसएसएआई के प्रमाण पत्र हैं। 

'Eat Right' पहल क्या है?

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 'Eat Right' पहल के तहत भोग के लिए प्रमाणन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत धार्मिक स्थलों पर प्रसाद और खाद्य पदार्थ बेचने वाले विक्रेताओं को प्रमाण पत्र दिया जाता है। यह प्रमाण पत्र उन मंदिरों और धार्मिक स्थलों को दिया जाता है जो खाद्य सुरक्षा मानकों और स्वच्छता मानकों का पालन करते हैं। 

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग जयपुर द्वारा अब तक राजस्थान में 54 धार्मिक स्थलों और मंदिरों को भोग प्रमाण पत्र के लिए पंजीकृत किया गया है। इस प्रकार का प्रमाण पत्र प्राप्त धार्मिक स्थल पर दिया जाने वाला प्रसाद FSSAI के मानकों और गुणवत्ता आश्वासन की पुष्टि करता है। इस प्रमाण पत्र का हर 6 महीने में ऑडिट के बाद नवीनीकरण किया जाता है। प्रमाण पत्र के लिए FSSAI की टीम मंदिर की रसोई के मानकों का निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट तैयार करती है।

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