Sunday 6th of October 2024

Covishield Vaccine: कोवीशील्ड वैक्सीन के खिलाफ SC में याचिका, जांच के लिए एक्सपर्ट पैनल गठित करने की मांग

Reported by: PTC News Haryana Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  May 01st 2024 02:35 PM  |  Updated: May 01st 2024 02:35 PM

Covishield Vaccine: कोवीशील्ड वैक्सीन के खिलाफ SC में याचिका, जांच के लिए एक्सपर्ट पैनल गठित करने की मांग

ब्यूरोः कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में दर्ज की गई याचिका में एम्स दिल्ली के चिकित्सा विशेषज्ञों का एक पैनल गठित करने की मांग की गई है। ये याचिका अधिवक्ता विशाल तिवारी ने दर्ज कराई है।

अधिवक्ता विशाल तिवारी ने इस तरह के अध्ययन की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने की मांग की है। इसके अलावा, याचिका में केंद्र सरकार को उन नागरिकों के लिए 'वैक्सीन क्षति भुगतान प्रणाली' स्थापित करने के निर्देश देने की मांग की गई है, जो कोविड 19 के दौरान टीकाकरण अभियान के परिणामस्वरूप गंभीर रूप से विकलांग हो गए या मर गए हैं।

युवाओं में बढ़ा दिल का दौरा पड़ने का खतरा

साथ में अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में कहा कि भारत में कोविशील्ड की 175 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। वहीं, कोविड 19 के बाद दिल का दौरा पड़ने और लोगों के अचानक बेहोश होने से होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है। युवाओं में भी दिल का दौरा पड़ने के कई मामले सामने आए हैं। अब कोविशील्ड के डेवलपर द्वारा यूके की अदालत में दायर किए गए दस्तावेज के बाद, हम कोविशील्ड वैक्सीन के जोखिम और खतरनाक परिणामों पर सोचने के लिए मजबूर हैं, जिसे बड़ी संख्या में नागरिकों को दिया गया है।

याचिका में की ये मांग

इसके अलावा, याचिका में उन लोगों को मुआवजा देने की मांग की गई है जो कोविड-19 महामारी के दौरान कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभावों के कारण गंभीर रूप से विकलांग हो गए या मर गए। याचिका में बताया गया है कि वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ उसकी AZD1222 वैक्सीन, जिसे भारत में कोविशील्ड के रूप में लाइसेंस के तहत बनाया गया था, दुर्लभ मामलों में प्लेटलेट काउंट कम होने और रक्त के थक्के बनने का कारण बन सकती है।

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