Himachal: हिमाचल में हिमकेयर और आयुष्मान योजना पर मंडराया ख़तरा, 300 करोड़ देनदारी, रुकी मुफ्त सर्जरी
ब्यूरो: केंद्र की आयुष्मान भारत और प्रदेश की हिमकेयर योजना के करोड़ों रुपए का भुगतान अस्पतालों को अभी होना है। प्रदेश के साढ़े आठ लाख परिवार इस योजना के साथ सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। भुगतान न होने की वजह से इसका असर मुफ्त में मिल रहे उपचार पर पड़ रहा है। हिमकेयर योजना का भुगतान न होने की वजह से आईजीएमसी समेत सभी मेडिकल कालेज में मुफ्त उपचार नहीं मिल पा रहा है। इस बीच प्रदेश भर में प्रभावित मरीज लोकसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल का अंकगणित बिगाड़ सकते हैं। हालांकि राज्य सरकार ने 31 मार्च से पहले पूरा भुगतान करने की बात कही है, लेकिन हिमकेयर में अभी भी फंड मिलने का इंतजार ही चल रहा है।
बजट सत्र के दौरान विधानसभा में डा. कर्नल धनी राम शांडिल ने प्रदेश के 283 स्वास्थ्य संस्थानों में हिमकेयर योजना लागू होने की जानकारी दी है। इनमें से 249 स्वास्थ्य संस्थानों की देनदारियां लंबित हैं। इनमें 73 निजी अस्पताल शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा है कि हिमकेयर योजना के भुगतान को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि प्रदेश में अभी आदर्श आचार संहिता लागू है। ऐसे में बजट जारी करने को लेकर प्रत्यक्ष तौर पर कोई बड़े प्रयास नहीं किए जा सकते हैं। राज्य सरकार धीरे-धीरे भुगतान की व्यवस्था करेगी और आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद इसका पूरा भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पीजीआई से एमओयू पर हस्ताक्षर कर प्रदेश के मरीजों को राहत पहुंचाने का भी प्रयास किया है। इसका लाभ अब मरीजों को हो रहा है।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा है कि हिमकेयर के अलावा सहारा और आयुष्मान योजना भी बंद हो चुकी हैं। मरीजों को उपचार नहीं मिल रहा है। कांग्रेस की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। विधानसभा में जो बातें विधानसभा में कही गई थी उन्हें भी अभी तक पूरा नहीं किया गया है। पूर्व सरकार के गरीब मरीजों को मुफ्त उपचार के लिए 1800 बीमारियों पर काबू पान के लिए हिमकेयर, बेसहारा के लिए सहारा योजना और केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना लागू की थी। लेकिन यह तीनों योजनाएं मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ठप हो चुकी हैं।
हिमकेयर योजना पर भले ही हिमाचल में अभी संकट बना हो, लेकिन राज्य सरकार के प्रयास से पीजीआई पहुंचने वाले मरीजों को जरूर फायदा मिल रहा है। पीजीआई में आठ मार्च से कैशलेस उपचार शुरू हो गया है और अभी तक यहां करीब 400 मरीज हिमकेयर कार्ड के माध्यम से अपना उपचार करवा चुके हैं। गौरतलब है कि पीजीआई में हिमकेयर योजना शुरू करने को लेकर पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ और हिमाचल सरकार के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। प्रदेश के करीब पांच हजार मरीज हर साल पीजीआई में उपचार करवाने पहुंचते हैं। राज्य सरकार के इस फैसले से इन मरीजों को लाभ मिलने की संभावना है।