Haryana: कांग्रेस उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा ने हाईकोर्ट से की अपील,कहा- जल्द ही ट्रायल कोर्ट में करूंगा समर्पण, अब 7 मई को होगी सुनवाई
ब्यूरो: हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा को भगोड़ा घोषित किया गया है। उन पर साल 2018 में पूर्व CM मनोहर लाल के खिलाफ बेरोजगारी को लेकर फ्लैक्स बोर्ड लगाने पर केस दर्ज हुआ था। बुद्धिराजा के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर तीन जनवरी 2024 को पंचकूला सेक्टर 14 के पुलिस थाना में धारा 174ए के तहत मामला दर्ज किया गया था।
दरअसल बुद्धिराजा के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की पुलिस में शिकायत दर्ज थी। इस मामले में न्यायालय में सुनवाई थी और सुनवाई के दौरान वह पेश नहीं हुए थे। जिसके चलते अदालत ने उन्हे भगोड़ा करार दे दिया था। इसी आदेश को रद्द करने की बुद्धिराजा ने हाईकोर्ट से मांग की थी, जिसे आज हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है और उन्हें ट्रायल कोर्ट में पेश होने के आदेश दे दिए हैं।
जिसके बाद बुद्धिराजा के वकील ने दोबारा हाईकोर्ट से आग्रह किया था और बताया था की वे करनाल लोक सभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, वह जल्द ही ट्रायल कोर्ट में समर्पण कर देंगे, इसलिए कोई फैसला न सुनाया जाए, जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई 7 मई तक स्थगित कर दी है।
यहां जानें पूरा मामला
दिव्यांशु ने पंचकूला के गर्वनमेंट कॉलेज सेक्टर-1 में युवाओं से मिलने के लिए मनोहर लाल के काफिले में घुस नारेबाजी की। जिसके बाद मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया था। इसके बाद मनोहर लाल जवाब दो के पोस्टर पंचकूला में लगाए थे। उन्होंने युवाओं को नौकरी देने के संबंध में जब पोस्टर लगाए थे, तो उन पर मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद केस कोर्ट में भेजा था। दिव्यांशु बुद्धिराजा के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर 3 जनवरी 2024 को पंचकूला सेक्टर 14 के पुलिस थाना में धारा 174ए के तहत मामला दर्ज किया गया। बुद्धिराजा के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की पुलिस में शिकायत दर्ज थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान वह पेश नहीं हुए थे। बुद्धिराजा अभी तक भगोड़ा ही हैं।
यहां जानें कौन है दिव्यांशु बुद्धिराजा
कांग्रेस ने जिस दिव्यांशु बुद्धिराजा को लोकसभा का टिकट करनाल से दिया है वह युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय माने जाते है। मूल रूप से वह गोहाना के रहने वाले है और लंबे समय से राजनीति में सक्रिय है। कॉलेज के दिनों में पंजाब यूनिवर्सिटी का अध्यक्ष बनने के बाद दिव्यांशु NSUI के अध्यक्ष बने और छात्र राजनीति में उनका आगाज हो गया। कहा जाता है कि वह बेहतर रणनीतिकार भी है। दिव्यांशु 2013 से कांग्रेस से जुड़े है और दीपेंद्र हुड्डा के काफी नजदीकी माने जाते है। करनाल से दिव्यांशु को टिकट देकर कहीं न कहीं कांग्रेस ने भी पंजाबी कार्ड खेला है। करनाल और पानीपत में पंजाबी बड़ी संख्या में है और अगर दिव्यांशु उन्हें साथ लाने में कामयाब होते है तो भाजपा के समीकरण बिगड़ सकते है। ये नहीं भूलना चाहिए कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने हरियाणा से पहली बार सबसे युवा नेता को टिकट दिया है जिस वजह से युवा भी कांग्रेस को बड़ी संख्या में वोट कर सकते है। सुबह से काफी लोगों से बात हुई, ये चुनाव भाजपा के लिए इतना आसान नहीं रहने वाला है, बाकी वक्त बताएगा। दिव्यांशु के लिए सबसे बड़ी चुनौती करनाल के सभी कांग्रेसियों को साथ लाना रहेगी, अगर वह इसमें कामयाब हो गए तो उनकी जीत काफी हद तक सुनिश्चित होने की संभावना है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने करनाल लोकसभा से पहली बार किसी खत्री पंजाबी को टिकट दिया है।