ब्यूरो: नूंह विधानसभा की राजनीति में नया मोड़ आया है। अब तक इस विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखा जा रहा था, लेकिन शनिवार को सद्भावना मंडप खेड़ला में आयोजित हुई तीसरे मोर्चे की बैठक में इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार को विधानसभा चुनाव में समर्थन करने का फैसला ले लिया गया है। इस मोर्चे के संयोजक कांग्रेस नेता पूर्व मार्केट कमेटी चैयरमेन शकूर खान को बनाया गया।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान इंडियन नेशनल लोकदल नेता फखरुद्दीन एडवोकेट चंदेनी, पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान, पूर्व मार्केट कमेटी अध्यक्ष शकूर खान एवं गुरुग्राम लोकसभा से इनेलो के उम्मीदवार रहे हाजी सोहराब के छोटे भाई हाजी इमरान ने पत्रकारों को संयुक्त रूप से दी जानकारी में कहा कि तीसरी मोर्चे का गठन इसलिए किया गया है कि लोग इन दो बड़े राजनीतिक घरानों कांग्रेस विधायक आफताब अहमद एवं भाजपा नेता पूर्व विधायक चौधरी जाकिर हुसैन की राजनीति से तंग आ चुके हैं, इसलिए विकल्प चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि तीसरे मोर्चे से जुड़े हर व्यक्ति का वह सम्मान करते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि नूंह विधानसभा सीट पर इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार की जीत होगी। तीसरे मोर्चे की बैठक में यह भी तय किया गया है कि उपरोक्त जो चार व्यक्ति हैं। उनमें से ही अगर पार्टी किसी एक पर अपना भरोसा जताती है और उन्हें अपना उम्मीदवार बनाती है तो सभी एकजुट होकर उन्हें जिताने का काम करेंगे। पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान नूंह जिले के एक बड़े राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दो - टूक कहा कि नूंह विधानसभा में कुछ मुकाबला मौजूदा विधायक कांग्रेस नेता आफताब अहमद से हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस का हरियाणा में शोर सुनाई दे रहा है। लेकिन उन्होंने साफ तौर पर चुनौती देते हुए कहा कि अगर विधायक आफताब अहमद एवं पूर्व विधायक चौधरी जाकिर हुसैन उनसे बिना किसी पार्टी के टिकट पर निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उनकी छूट है। वह उनसे चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
कुल मिलाकर नूंह विधानसभा की लड़ाई अब दिन - प्रतिदिन रोचक होती दिखाई दे रही है। खास बात यह है कि शनिवार को सद्भावना मंडल खेड़ला भवन में हुई तीसरे मोर्चे की बैठक में कई दर्जन सरपंच, पूर्व सरपंच के अलावा कई राजनीतिक दलों से जुड़े हुए कार्यकर्ता सामने आए। खास बात यह है कि अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं जो भाजपा और कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं। अगर उन्हें टिकट नहीं मिलती है तो वह भी जल्द ही तीसरे मोर्चे का हिस्सा होंगे। नूंह विधानसभा चुनाव पर अब कांग्रेस भाजपा तथा इनेलो की नजरें रहने वाली हैं। क्योंकि तीसरे मोर्चे के गठन के बाद यह लड़ाई त्रिकोणीय होती हुई दिखाई दे रही है।