Sunday 24th of November 2024

Haryana Doctors Strike: डॉक्टरों की हड़ताल से सरकारी अस्पतालों में सेवाएं ठप, चंडीगढ़ में सरकार-डॉक्टरों की मीटिंग जारी

Reported by: PTC News Haryana Desk  |  Edited by: Rahul Rana  |  July 25th 2024 03:19 PM  |  Updated: July 25th 2024 03:19 PM

Haryana Doctors Strike: डॉक्टरों की हड़ताल से सरकारी अस्पतालों में सेवाएं ठप, चंडीगढ़ में सरकार-डॉक्टरों की मीटिंग जारी

ब्यूरो: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने डॉक्टर्स की मांगें पूरी ना होने के विरोध में प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं का बंद कर दिया है। जिसको लेकर अलग-अलग जिलों से तस्वीरें सामने आई है। बात, रोहतक जिले की करें तो यहां सामूहिक अवकाश लेकर सभी डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल हुए और मांगें नहीं मानने तक हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी। इधर, डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते मरीजों को भी कुछ वक्त तके लिए परेशानी उठानी पड़ी। जिसको देखते हुए सीनियर डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई गई।

इधर, यमुनानगर में नर्सिंग स्टाफ ने 2 घंटे की हड़ताल की। जैसे ही प्रदर्शनकारी एडमिन ब्लॉक के नीचे प्रदर्शन के लिए पहुंचे तो सिविल अस्पताल प्रशासन ने उन्हे वहां प्रदर्शन करने से रोक दिया। जिसके बाद प्रदर्शनकारी कर्मचारियों और सीएमओ के बीच काफी देर तक नोकझोंक चलती रही। जिसके बाद अधिकारियों के कहने पर पुलिस की ओर से कर्मचारियों को हटाया गया। जिसको लेकर कर्मचारियों ने अपना रोष जाहिर किया।

बात जींद की करें तो यहां डॉक्टर्स की हड़ताल ठंडे बस्ते में जाती नजर आई। क्योंकि जींद के सरकारी अस्पताल में सिर्फ 2 डॉक्टर्स ही हड़ताल पर रहे और हड़ताल को देखते हुए खुद सीएमओ ने मोर्चा संभालते हुए मरीजों को देखने के लिए पूरे अस्पताल का दौरा किया। साथ ही इमरजेंसी और ओपीडी सेवाओं को सुचारू रूप से चालू रखने के लिए सख्त आदेश भी दिए।

डॉक्टरों की क्या हैं मांगे?

डॉक्टरों की मांगों में विशेषज्ञ कैडर का गठन, केंद्र सरकार के डॉक्टरों के साथ समानता सुनिश्चित करने वाली करियर प्रगति योजना, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) की सीधी भर्ती न करना और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए बांड राशि में कमी शामिल है।

ख्यालिया ने बुधवार को कहा, पिछले कई महीनों में हमें हमारी विभिन्न मांगों से संबंधित बार-बार आश्वासन दिए गए, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया है। इसलिए, हमने ओपीडी, आपातकालीन, पोस्टमार्टम सहित स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को, हमें स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा आश्वासन दिया गया था कि 24 जुलाई से पहले दो मांगों- सुनिश्चित कैरियर प्रगति और बांड जारी करने से संबंधित अधिसूचना जारी की जाएगी, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।

स्वास्थ्य मंत्री ने किया आग्रह

हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाली एचसीएमएस एसोसिएशन को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता ने डॉक्टरों से आम जनता पर उनकी हड़ताल के प्रभाव पर विचार करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, मैं समझता हूँ कि आपके सदस्यों द्वारा कई महत्वपूर्ण मांगें रखी गई हैं, और मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि इन चिंताओं को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है।

उन्होंने कहा, हाल ही में, मैंने इन मामलों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों के साथ एक सार्थक बैठक की। उन्होंने कहा कि हम आपकी मांगों के महत्व को समझते हैं और सक्रिय रूप से एक ऐसे समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं जो सभी संबंधित पक्षों के लिए संतोषजनक होगा।

मंत्री ने कहा, मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि हमारे रोगियों और आम जनता पर हड़ताल के प्रभाव पर विचार करें। हमारी जिम्मेदारी है कि हम सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य सेवाएं निर्बाध रहें, खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी जरूरत के समय हम पर निर्भर हैं। 

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