ब्यूरोः हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने मीडिया से बात की। इस दौरान पी चिदंबरम ने कहा कि मैं हरियाणा की 70 प्रतिशत जनसंख्या खेती पर निर्भर है। इसके बावजूद हरियाणा सरकार पिछले 10 सालों में हरियाणा के किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें लाभ पहुंचाने में नाकाम साबित हुई है। उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिला। हरियाणा की फसल बीमा योजना भी हरियाणा में फेल हुई है। हरियाणा में ज्यादातर किसानों को इसका लाभ नहीं मिला।
इसके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सिंघु और टिकरी बॉर्डर के नाम देश में जाने-माने नाम बन गए हैं। जहां भाजपा ने किसानों पर अत्याचार किए। हरियाणा सरकार और मोदी सरकार का एक ही रुप है। पिछले 10 सालों में हरियाणा में किसानों की दया दयनीय हो गई है।
हरियाणा में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा हैः पी चिदंबरम
पी चिदंबरम ने कहा कि हरियाणा में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। हरियाणा में बेरोजगारी दर 9 प्रतिशत है। कुल 4.5 लाख पद खाली पड़े हैं। 1.5 लाख सेंग्शन पोस्ट खाली हैं। सबसे ज्यादा हरियाणा के युवा सेना में जाते हैं। हरियाणा का 29 प्रतिशत युवा रोजगार के लिए दुसरे प्रदेशों में जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना में हरियाणा में 278 एमएसएमई बंद हुई। हरियाणा में खेती की ग्रोथ रेट चार प्रतिशत है और इंडस्ट्री की 7.2% है। जो इससे दोगुनी होनी चाहिए ।
हरियाणा का महंगाई के मामले में देश में दूसरा स्थान
उन्होंने कहा कि हरियाणा का महंगाई के मामले में देश में दूसरा स्थान है। हरियाणा में 8 प्रतिशत से ज्यादा महंगाई दर है। डबल इंजन की सरकार का क्या फायदा है। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी और बेरोजगारी को खत्म किया जाएगा महंगाई को कम किया जाएगा और लोगों को एक अच्छी सरकार दी जाएगी। एक सरकार को बदलाव करने के लिए 10 साल का समय बहुत होता है।
रवनीत बिट्टू के बयान पर उन्होंने कहा कि मैं उन्हें गंभीरता से नहीं लेता। हुड्डा की ओर से सदन में दिए गए बेरोजगारी के आंकडे पर कहा कि जब कोई सीनियर नेता आंकडे देता है तो वह पूरी रिसर्च के बाद देता है सीएमआईई एक विश्वसनीय संस्था है। दुनिया भर में इस संस्था के आंकडे इस्तेमाल में लाए जाते हैं।
हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर पी चिदंबरम ने कहा कि मुझे नहीं लगता हरियाणा कांग्रेस में कोई गुटबाजी है। सभी लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हरियाणा में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कहा कि कांग्रेस चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के चेहरे को नहीं चुनती यह चुनाव के बाद विधायकों से चर्चा के बाद तय किया जाता है।