ब्यूरोः भिवानी विधानसभा क्षेत्र शहरी सीट है। इस विधानसभा क्षेत्र के शहर भिवानी में 31 वार्ड है और इसके ग्रामीण क्षेत्र में 30 के लगभग गांव व ढ़ाणियां है। इस विधानसभा क्षेत्र में नई मतदाता सूची के अनुसार 2 लाख 35 हजार 10 मतदाता है। जिनमें 1 लाख 23 हजार 168 पुरुष और एक लाख 11 हजार 839 महिला मतदाता है। इस विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर होती नजर आ रही है। यहां से भाजपा के विधायक घनश्याम सर्राफ 3 बार से निरंतर विधायक है और वे एक बार भाजपा सरकार में जनस्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके है।
34 उम्मीदवारों ने टिकट के लिए किया अप्लाई
भिवानी विधानसभा से भाजपा विधायक घनश्याम सर्राफ के अलावा भाजपा से भाजपा जिला प्रधान मुकेश गौड, शशीरंजन परमार, ठाकुर विक्रम सिंह, संदीप जोशी, हर्षवर्धन मान सहित एक दर्जन नेता टिकट के चाहवान है। कांग्रेस की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र से डा. शिव शंकर भारद्वाज, नीलम अग्रवाल, डा. वासुदेव शर्मा, धीरज सिंह, अभिजीत लाल सिंह सहित 34 उम्मीदवारों ने टिकट के लिए अप्लाई किया है।
भिवानी विधानसभ क्षेत्र का चुनावी समीकरण
भिवानी विधानसभ क्षेत्र से वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा के घनश्याम सर्राफ ने 47.40 प्रतिशत वोट प्राप्त कर जननायक जनता पार्टी के डॉ. शिव शंकर भारद्वाज को 27 हजार 884 मतों से हराया था। जिन्हे लगभग 25.98 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। तीसरे स्थान पर किरण चौधरी समर्थक कांग्रेस के अमर सिंह को 14.35 प्रतिशत मत मिले थे। वर्ष 2014 व 2009 के चुनाव में भी घनश्याम सर्राफ भाजपा की टिकट पर यहां से जीते थे। वर्ष 2005 में कांग्रेस की टिकट पर शिव शंकर भारद्वाज यहां से विधायक बने। वर्ष 2000 में पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल यहां से विधायक रहे। 1991 व 1996 में हविपा की टिकट पर रामभजन अग्रवाल यहां से विधायक रहे। इस विधानसभा सीट पर भले ही संख्यात्मक तौर पर ब्राह्मण समाज की बहुतायता हो, परन्तु यहां से महाजन समुदाय से अधिकत्तर बार विधायक बने है। इस विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक समीकरणों की बात करे तो इस विधानसभा क्षेत्र में 40 हजार से अधिक ब्राह्मण मतदाता है। दूसरे स्थान पर 20 हजार से अधिक पंजाबी मतदाता है। 18 हजार से अधिक महाजन समुदाय है। वही भिवानी विधानसभा क्षेत्र में राजपूत व जाट मतदाताओं की संख्या 20-20 हजार के करीब मानी जाती है। बाकी मतदाता अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंद्ध रखते है।
इस विधानसभा क्षेत्र के मुद्दों की बात करें तो भाजपा के पिछले पांच साल के कार्यकाल में यहां के नगर परिषद में 500 करोड़ रुपये के लगभग घोटाले का मामला सामने आया, जिसकी सीबीआई जांच अब भी चल रही है। इस मामले में भाजपा समर्थित तत्कालीक नगर परिषद चेयरमैन जेल में भी रह चुके है। सफाई व्यवस्था तथा शहर के सौंदर्यकरण को लेकर अक्सर लोगों की शिकायतें रहती है। सडक़ व गलियों के निर्माण को लेकर शहरी क्षेत्र में कोई खास विकास कार्य नहीं हुए। हालांकि कांग्रेस की हुड्डा सरकार में अनाऊंस हुए भिवानी के चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय व पंडित भगवत दयाल मेडिकल कॉलेज की स्थापना भिवानी में जरूर हुई है। परन्तु मेडिकल कॉलेज आज तक भी उद्घाटन का इंतजार कर रहा है।
भिवानी विधानसभा क्षेत्र में रोजगार को लेकर बड़ी समस्या
भिवानी विधानसभा क्षेत्र में रोजगार को लेकर बड़ी समस्या है। यहां से प्रतिदिन हजारों की संख्या में स्थानीय निवासी दिल्ली व गुडग़ांव के लिए रेल व अन्य वाहनों के माध्यम से रोजगार के लिए जाते है। भिवानी में बडी इंडस्ट्री की मांग लंबे समय से चलती आ रही है। वर्ष 1972-76 में चौ. बंसीलाल के समय भिवानी के चकाचक रोड़ व साफ-सुथरे फुटपॉथ तथा चमचमाती ट्रैफिक लाइट होती थी। आज भिवानी शहर में ऐसा दिखाई नहीं देता। भिवानी में केंद्र सरकार ने यहां के रेलवे स्टेशन का जीर्णोद्धार के साथ ही सिटी रेलवे स्टेशन को भी करोड़ों रुपयों की लागत से बनाने का कार्य किया है।
भिवानी विधानसभा का राजनीतिक समीकरण
राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो भिवानी विधानसभा क्षेत्र में बीते दिनों हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को इस विधानसभा क्षेत्र से 27 हजार से अधिक वोटों से विजय प्राप्त हुई थी। इस विधानसभा क्षेत्र के शहरी होने के चलते इसमें भाजपा का प्रभाव अधिक नजर आता है। इस विधानसभा क्षेत्र से इनेलो कभी भी मजबूत नजर नहीं आई। यहां हमेशा भाजपा व कांग्रेस के बीच में मुकाबला रहा है। कल्लू शर्मा, पवन, अनिल शर्मा व सोमबीर शर्मा ने बताया कि भिवानी विधानसभा क्षेत्र में विकास को लेकर बहुत ज्यादा कार्य नहीं हुए। जिसके चलते लोगों में नाराजगी है। ऐसे में कांग्रेस यहां से अच्छा प्रदर्शन करेगी। हालांकि कास्ट फैक्टर के हिसाब से यह विधानसभा क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी को ही ज्यादा सूट करता है।