ब्यूरो: हरियाणा में ग्रुप-C में बंपर भर्तियां निकली हैं। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) की ओर से विभागों के लिए 356 पोस्ट के लिए आवेदन मांगे गए हैं। सबसे ज्यादा पोस्ट ग्रुप-7 में निकाली गई हैं। यहां 133 पोस्ट के लिए एचएसएससी की ओर से आवेदन मांगे गए हैं। इसमें एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर, फॉरेस्ट रेंजर, मार्केटिंग ऑफिसर के पद शामिल हैं। ग्रुप-3 में विभिन्न विभागों में 93 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
ग्रुप-4 में 10 पदों पर, ग्रुप-5 में 19, हरियाणा पावर जेनरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड में 27 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसके अलावा ग्रुप-9 में 25 पोस्ट पर आवेदन मांगे गए हैं। ग्रुप-49 ए और 54 में 40 पोस्ट भरी जाएंगी।
सभी पोस्ट के लिए CET जरूरी
एचएसएससी की ओर से निकाली गई पोस्ट के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) जरूरी किया गया है। अभ्यर्थी इन पोस्ट के लिए आयोग की वेबसाइट https://adv092024.hryssc.com पर 5 अगस्त से 15 अगस्त तक रात 12 बजे आवेदन कर सकते हैं।
इसके बाद, वेबसाइट लिंक बंद कर दिया जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि जो पहले इन भर्तियों के लिए आवेदन कर चुके हैं उन्हें अपने सीईटी रजिस्ट्रेशन के आधार पर इन पदों के लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा।
आयोग की ओर से इन पोस्ट के लिए योग्यता और उम्र का मापदंड जारी किया गया है। पोस्ट के आधार पर अभ्यर्थी का मैट्रिक या उच्च शिक्षा में हिंदी या संस्कृत एक विषय के रूप में पास होना अनिवार्य है। इसके अलावा 18-42 वर्ष के अभ्यर्थी ही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। HSSC ने स्पष्ट किया है कि हरियाणा सरकार के निर्देशों के अनुसार आयु में छूट हरियाणा के एससी / बीसी-ए / बीसी-बी / पीडब्ल्यूडी / ईएसएम को ही दी जाएगी।
यह भर्ती 5 बोनस अंकों के बगैर होगी। हरियाणा सरकार भर्ती में 1.80 लाख से कम सालाना इनकम वाले परिवारों के बच्चों को 5 बोनस अंक का फायदा दे रही थी। हालांकि इसे पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कृत्रिम आरक्षण बताते हुए खारिज कर दिया। इसके विरोध में हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट गई। मगर, सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे असंवैधानिक करार दे दिया। जिसके बाद 3 महीने बाद होने वाले चुनाव से पहले कोई भर्ती कानून पचड़े में न फंसे, इसके लिए बोनस अंकों को भर्ती से हटा दिया गया है।
ऑल इंडिया गवर्नमेंट इम्प्लॉइज फेडरेशन के अध्यक्ष सुभाष लांबा के मुताबिक हरियाणा में 1.80 लाख सरकारी पद खाली हैं। यहां 4.5 लाख के मंजूर पदों के मुकाबले 2.70 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं। 1980 में जब राज्य की आबादी 1.25 करोड़ थी तो सरकार में 4 लाख कर्मचारी थे।
अब आबादी बढ़कर 2.9 करोड़ हो चुकी है लेकिन कर्मचारियों के पद उतने ही हैं और वह भी पूरे नहीं भरे हैं। इस वजह से न तो युवाओं को नौकरी मिल रही है और न ही नागरिकों को संतुष्टिजनक सेवाओं का लाभ मिल रहा है।